मज़दूरों के क़ानूनी हक़ों के लिए आज श्रम मंत्री से मिले, जन हस्तक्षेप l

देहरादून : निर्माण और दिहाड़ी मज़दूरों को सालों से अपना उचित क़ानूनी हक़ मिलने में दिक्कतें हो रही है। श्रम मंत्रालय के प्रमुख सचिव से ले कर निचले स्तर के अधिकारीयों तक मिलने से ना उनको हक़ मिला है ना ही उनको कोई जवाब मिला। अक्टूबर में जन हस्तक्षेप द्वारा माननीय राष्ट्रपतिजी को भी 70 मज़दूर के पेंडिंग आवेदन एवं हज़ारों के पेंडिंग पंजीकरण के बारे में पत्र भेजा गया था। लेकिन उस पत्र का भी सरकार की और से कोई जवाब नहीं आया।

सवाल यह है कि केंद्रीय एवं राज्य सरकार प्रचार कर रही हैं कि असंघटित क्षेत्र के मज़दूरों के कल्याण के लिए नयी योजनाएं चलायी जा रही है। लेकिन पहले से लागु योजनाओं और कानूनों पर गंभीरता से अमल नहीं हो रहा है।

आज देहरादून और आस पास गांव से मज़दूर माननीय श्रम मंत्री से मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि सारे पेंडिंग आवेदन पर कार्यवाही जल्द से जल्द किया जायेगा। उप श्रम आयुक्त अनिल पेटवाल को निर्देशित किया गया है कि काम जल्दी से हो जाये। मज़दूर अभी पूरी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उनको ज़रूर हक़ मिलेगा।

आज प्रेस कांफ्रेंस में प्रभावित लोग जैसे राजबाला (जिसका पति गुजर गए दिसंबर 2016 में, आज तक सहायता नहीं मिला); पूरन देवी (जिसकी बेटी की शादी का सहायता के लिए आवेदन अगस्त 2017 से पेंडिंग है); हेमराज (जिसकी बेटी की शादी का सहायता के लिए आवेदन सितम्बर 2018 से पेंडिंग है); इत्यादि शामिल रहे। उनके साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव समर भंडारी एवं समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्य अध्यक्ष डॉ. SN सचान मंत्री से मिले। चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल ने भी प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोदित किये। चेतना आंदोलन से अशोक, ममता, पप्पू, सुनीता, आदि लोग शामिल रहे।

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