मनीषा बाल्मीकि को न्याय नहीं मिला तो आमरण अनशन पर बैठूंगा : दौलत कुवर।

देहरादून : मनीषा बाल्मीकि के साथ पहले दुराचार किया गया फ़िर उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मनीषा को हाथरस के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करा जब देखा कि मनीषा बचने वाली नहीं है, मनीषा हाथरस में ही मर गई होगी केवल अपने ऊपर कोई बात ना आए तो जानबूझकर दिल्ली सफदरजंग हॉस्पिटल लेकर जाया गया और वहां पर जब मनीषा ने 7:00 बजे अंतिम सांस ली।

उनका पार्थिव शरीर उनके परिजनों को नहीं सौंपा गया उसके बाद उनके पिताजी और भाई पार्थिक शरीर लेने के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे लेकिन पुलिस ने उनका धरना तुड़वाया और मनीषा बाल्मीकि की लाश रात को ही हाथरस लाई और 2:00 बजे रात्रि को अंतिम संस्कार किया गया जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

जब इस बात का विरोध परिजनों व ग्रामीणों ने किया फिर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनको ही उनके घर में कैद कर दिया किसी को मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है आज रात बड़ी मुश्किल से पुलिस के कुछ अधिकारियों को निलंबित किया गया जो कि एक उत्तर प्रदेश सरकार की ढोंगी चाल है इससे किसी भी सूरत पर मनीषा बाल्मीकि को इंसाफ नहीं मिल सकता आज उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच ने यह निर्णय किया है।

प्रतिनिधिमंडल दिनांक 5 अक्टूबर 2020 को विकास नगर से हाथरस के लिए रवाना होगा यदि मनीषा बाल्मीकि को उत्तर प्रदेश सरकार ने इंसाफ नहीं दिया फिर हम लोग पहले पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त करेंगे यदि जरूरत पड़ी तो मैं वहीं आवास पर आमरण अनशन पर बैठूंगा ।

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