भाजपा से मयंक गुप्ता और कांग्रेस से श्रेष्ठा राणा मेयर प्रत्याशी घोषित l

हरिद्वार : रुड़की नगर निगम में भाजपा से मयंक गुप्ता और कांग्रेस से श्रेष्ठा राणा मेयर पद की प्रत्याशी होंगी। हालांकि दोनों दावेदार ही अपनी-अपनी पार्टी में शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थे। जिसमें अंतिम में जाकर भाजपा में मयंक गुप्ता और कांग्रेस में श्रेष्ठा राणा के हाथ टिकट की बाजी लगी। भाजपा में मयंक गुप्ता का नाम शुरू से ही चर्चा में रहा। लोकसभा चुनाव से पहले जब नगर निगम के चुनाव प्रस्तावित थे तो तब भी मयंक गुप्ता का नाम सबसे आगे था। इसके बाद जैसे-जैसे चुनाव टलते गए तो मचंक गुप्ता का नाम भी उसी के साथ साथ बढ़त बनाए रहा। अब चार-पांच दिन से यह कहा जा रहा था कि मयंक गुप्ता को टिकट में चुनौती मिल रही है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था ।

मयंक गुप्ता का नाम मुख्यमंत्री स्तर से फाइनल था । आरएसएस पृष्ठ भूमि से होने के कारण मयंक गुप्ता को दूसरे किसी दावेदार की ओर से प्रभावी चुनौती नहीं मिल पाई। नतीजतन पहले सब कमेटी ने और इसके बाद उच्च कमेटी ने मयंक गुप्ता का नाम भाजपा प्रत्याशी के रूप में फाइनल कर दिया। हालांकि जो रायशुमारी हुई थी उसमें ललित मोहन अग्रवाल के पक्ष में काफी अच्छी राय गई थी। लेकिन मयंक गुप्ता के मुकाबले ललित मोहन अग्रवाल का कद काफी छोटा था। ललित मोहन अग्रवाल के अलावा गौरव गोयल अजय सिंघल आदि दावेदार भी हाईकमान के समक्ष अपनी मजबूती साबित नहीं कर पाए। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अन्य सभी दावेदारों के मुकाबले मयंक गुप्ता काफी सीनियर नेता हैं और वह तीन दशक से भाजपा की सक्रिय राजनीति में हैं। यहां पर कहा यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने जो वायदा किया था वह निभाया है उन्होंने पहले ही मयंक गुप्ता को चुनाव लड़ाने के लिए कह दिया था तो अब उनका नाम प्रत्याशी के रूप में तय करा दिया। हालांकि गौरव गोयल व अन्य दावेदारों का कहना है कि अभी सिंबल आवंटित नहीं हुआ है अभी टिकट की लड़ाई जारी है। वहीं कांग्रेस में टिकट आवंटन में पूर्व राज्यमंत्री संजय पालीवाल की चली है उन्होंने शुरू से ही पूर्व मेयर यशपाल राणा की पत्नी श्रेष्ठा राणा का नाम प्रत्याशी के तौर पर तय करा दिया था। इस बीच तमाम जोर आजमाइश हुई। राजनीतिक खींचतान चली। राज्य और केंद्र स्तर पर टिकट को लेकर लामबंदी हुई। लेकिन प्रीतम सिंह और डॉ संजय पालीवाल के सामने दूसरा खेमा मात खा गया। आज भी कुछ विधायकों और नेताओं ने मनोहर लाल शर्मा के पुत्र रजनीश शर्मा के नाम की जबरदस्त पैरवी की। लेकिन बात नहीं बन पाई । जानकारी मिली है कि श्रेष्ठा राणा को कांग्रेस प्रत्याशी बना दिया गया है। बता दे कि यशपाल राणा इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते। क्योंकि नगर निगम की भूमि खुर्द के मामले में उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है इसीलिए उनकी पत्नी को प्रत्याशी बनाया गया है, दोनों पार्टियों की नजर बसपा प्रत्याशी पर टिकी हुई है।

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