भजन सम्राट अनूप जलोटा और सूफी गायक कैलाश खेर ने दी मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति

दादा वासवानी की जयंती पर परमार्थ निकेतन में मौन और ध्यान का आयोजन
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने दक्षिण पूर्व एशिया के साथ सांस्कृतिक समन्वय के क्रम में पंचम धाम कम्बोडिया द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ऑनलाइन वेबिनाॅर ‘महात्मा बुद्ध और शिव संगीत महोत्सव’ में सहभाग कर प्रेरणादायी उद्बोधन दिया। पवित्र श्रावण माह में आयोजित ‘महात्मा बुद्ध और शिव संगीत महोत्सव’ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता इन्द्रेश कुमार, भजन सम्राट अनूप जलोटा, प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर, हीरानन्दानी, शैलेश वत्स और कई गणमान्य अतिथियों ने सहभाग कर प्रेरक उद्बोधन दिया। इस अवसर पर भजन सम्राट अनूप जलोटा और कैलाश खेर ने भगवान शिव के भजनों से समा बांधा। मंत्र मुग्ध करने वाले संगीत का सभी ने आनन्द लिया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भगवान शिव को समर्पित पंचम धाम भारतीय संस्कृति और संस्कारों का संदेश पूरी दुनिया को दे रहा है। पंचम धाम में एक हजार शिवलिंग की स्थापना उस स्थान के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है। पंचम धाम इन दिव्य आयोजनों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, संस्कारों और अपने मूल्यों को स्थापित करने का अद्भुत कार्य कर रहा है। स्वामी ने कहा कि श्रावण मास में जब धरती पर नैसर्गिक सौन्दर्य जीवंत हो उठता है तब हमारे हृदय में भी स्वतः ही सात्विकता, श्रद्धा और शुचिता का संचार होने लगता है। श्रावण मास हमें श्रद्धा से समर्पण की ओर, आध्यात्मिकता से आत्मीयता की ओर तथा शिव से शिवत्व की ओर बढ़ने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सर्वे भवन्तु सुखिनः की संस्कृति है, वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति है, समानता और सद्भाव की संस्कृति है। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि भेदभाव और नफरत की सारी सीमाओं और दीवारों को तोड़ते हुये, दरारों को भरना है तथा दिलों को जोड़ते हुये जीवन में आगे बढ़ते रहें।

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