बसपा सुप्रीमो का बड़ा बयान बीजेपी सरकार की तानाशाही, लोकतंत्र की हत्या I
उत्तर प्रदेश : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में जाने से रोके जाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी अध्यक्षा मायावती ने भारतीय जनता पार्टी सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या का प्रतीक करार दिया है. मंगलवार को अखिलेश यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले थे. अखिलेश को लखनऊ एयरपोर्ट पर ही प्रशासन द्वारा रोक दिया गया. मायावती ने अपने ट्वीट में कहा, ‘समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आज मंगलवार इलाहाबाद नहीं जाने देने कि लिए उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लेने की घटना अति-निंदनीय व बीजेपी सरकार की तानाशाही व लोकतंत्र की हत्या का प्रतीक है. उन्होंने कहा, क्या बीजेपी की केंद्र व राज्य सरकार बसपा-सपा गठबंधन से इतनी ज्यादा भयभीत व बौखला गई है कि उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधि व पार्टी प्रोग्राम आदि करने पर भी रोक लगाने पर वह तुल गई है. अति दुर्भाग्यपूर्ण. ऐसी आलोकतंत्रिक कार्रवाइयों का डट कर मुकाबला किया जाएगा.’ एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने अखिलेश यादव को कथित रूप से यह कहते हुए रोक दिया कि सपा नेता ने इसकी इजाजत नहीं ली है. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार उनसे इतना डर गई है कि वह उन्हें एक समारोह में शामिल होने से रोक रही है. यादव ने कहा, ‘यह साफ है कि एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण समारोह से सरकार किस तरह डरी हुई है. बीजेपी जानती है कि हमारे देश के युवा अन्याय को और अधिक नहीं बर्दाश्त करेंगे. छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकने का एकमात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है. वहीं इस घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा को अपनी अराजक गतिविधियों से बाज आना चाहिए. सुरक्षा हालात न बिगड़े, इसके लिए अखिलेश को प्रशासन के अनुरोध पर रोका गया है. उन्होंने कहा कि अगर वह वहां जाते तो हिंसक झड़प हो सकती थी. इसलिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनुरोध पर प्रशासन ने यह फैसला किया है. योगी ने कहा, प्रयागराज में वर्तमान में कुंभ चल रहा है. अभी 10 दिन पहले ही अखिलेश यादव प्रयागराज गए थे. उन्होंने दर्शन-स्नान किया. अब प्रयागराज जिला प्रशासन ने आशंका व्यक्त की है कि हिंसा हो सकती है. सपा अराजकता को आगे बढ़ाना चाहती है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ हिंसा हो सकती थी. इविवि प्रशासन ने जिला प्रशासन से मांग की थी।