फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे 14 शिक्षकों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा।

देहरादून  : फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे 14 शिक्षकों के खिलाफ एसआइटी ने मुकदमा दर्ज कराया है। एसआइटी ने यह कार्रवाई महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा विनय शंकर पांडेय की ओर से की गई संस्तुति के आधार पर की है। ऐसे शिक्षकों की जांच के लिए गठित एसआइटी सीआइडी के अपर पुलिस अधीक्षक सीआइडी के निर्देशन में कार्य कर रही है। एसआइटी अब तक राज्य में 80 के शिक्षकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा चुकी है।

सीआइडी सेक्टर कार्यालय देहरादून के अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआइटी) ने ऐसे 25 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को रिपोर्ट भेजी थी। बीती नौ जुलाई को इनमें से 14 के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति मिली। जिसके बाद रुद्रप्रयाग जिले में इनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
प्रदेश में वर्ष 2012 से 2016 के बीच कई व्यक्तियों ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक की नौकरी हासिल की। इसका पर्दाफाश वर्ष 2016 में तब हुआ, जब एक व्यक्ति ने पुलिस और विभाग से शिकायत की। बाद में कई शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराई गई तो फर्जीवाड़े की बात सही पाई है। जिस पर वर्ष 2017 में सरकार ने जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी।
अब तक एसआइटी की ओर से 120 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को रिपोर्ट भेजी जा चुकी हैं। जिनमें से 80 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। हालांकि अभी तक किसी भी शिक्षक से रिकवरी नहीं हुई है। विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2012 से 2016 के बीच नियुक्त हुए 9602 शिक्षक जांच के दायरे में हैं। उनकी नियुक्ति संबंधी कुल 64641 अभिलेख हैं। इनमें से 35722 अभिलेखों का सत्यापन कराया जा चुका है। शेष 28919 अभिलेखों के सत्यापन की कार्रवाई जारी है।

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