नफरत की राजनीती देश को अन्दर से खोखला कर रही है : जितेन्द्र सनातनी।
रामपुर ; आज हमारे देश में जाती के नाम पर धर्म के नाम पर इतनी ज्यादा नफरत फेल चुकी है कि लोग अब वोट भी अपने जाती के व्यक्ति को ही देखकर कर रहे हैं फिर चाहे उसमे काबिलियत है या नही, राजनीती का स्तर इतना ज्यादा गिर चुका है कि धर्म के नाम पर जाती के नाम पर नेता लोगों को बरगलाते हैं और हमारे भारत के लोग उनकी बातों में आकर गलत फैसले ले लेते हैं,
राजनीती देश को आगे बढ़ाने के लिए होनी चाहिए जनता की मूलभूत जरूरतों पर होनी चाहिए लोगों को सही शिक्षा देने के लिए होनी चाहिए, नेताओं को नफरत की नफरत की राजनीती छोड़कर अच्छा इलाज कैसे मिले इस पर बहस करनी चाहिए किसानों की फसल के सही दाम हों इस पर चर्चा होनी चाहिए सबसे निचले तबके के बच्चा अच्छे स्कूलों में कैसे पढ़े इस पर नेताओं को चर्चा करनी चाहिए, कोई भी व्यक्ति देश मे भूखा न सोए इस पर बहस होनी चाहिए,
अब लोग चाहते हैं कि बात विकास की हो बात फ्री शिक्षा की हो बात फ्री विजली की हो बात फ्री इंटरनेट की हो और बहस फ्री इलाज के लिए हो,
में तो कहता हूँ कि पूरे देश के सभी राज्यों को विकास के मामले में केजरीवाल जी के दिल्ली मॉडल को अपनाने की जरूरत है,
हम जाती धर्म के नाम पर वोट देकर ओर इस नाम पर राजनीती कर के देश को पीछे धकेल रहे हैं, समय रहते इससे हमें बाहर अपना पड़ेगा और देश को उन्नति के रास्ते पर लाना चाहिए ।