दून पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, अवैध रूप से अनुचित समझौते का दबाव।

देहरादून : दून पुलिस की कार्य शैली पर लगातार सवाल उठ रहे है, एक मामला संज्ञान में आयाा है, 8 जुलाई को दर्ज होने वाले गम्भीर बैंक फ्राड मामले की FIR का है जो कि 23 दिन बाद हुई दर्ज, ऐसी ही निष्क्रियता व लापरवाही के ही परिणाम हैं नीरव मोदी और माल्या प्रकरण ।

एसटीएफ व धारा चौकी का दरोगा अब तक डालता रहा अवैध रूप से अनुचित समझौते का दबाव, दरोगाओं ने न सुनी एसपी सिटी की और न ही एस टीएफ एएसपी की, टाल मटोल रखी जारी, डीजीपी व डीआईजी भी तभी जागे, जब पत्रकारों ने उठाये पुलिस की दोहरी कार्य प्रणाली पर सवाल ।

काॅरपोरेशन बैंक के मैनेजर व स्टाफ ने अनेकों खातों से दर्जनों बार 30-40 लाख की रकम हड़पी किये नाजायज ट्रांजेक्शन लगाया लाखों का चूना ओबीसी बैंक भी इस गड़बड़ झाले में संलिप्त ।

दबाव में भी रहती ही है दून पुलिस,

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