ग्रामीण छेत्रों के युवाओं की सहभागिता देश के बेहतर भविष्य के लिए बहुत जरूरी है : जितेन्द्र सनातनी।

उत्तर प्रदेश : कहते हैं असली भारत गांवों में बसता है और यह सच्चाई भी है कि गांव से निकल कर ही शहरों कि ओर तरक्की का रास्ता जाता है, एक एक गांव को मजबूत करना होगा हम सब को मिलकर यह तय करना होगा सरकार को सोचना होगा और ग्रामीण युवाओं को हर तरीके से मोके देने होंगे जिससे वो आगे बढ़ सकें।

सरकारें योजनाएं बनाती हैं और उनका क्रियान्वयन सही से हो रहा है या नही यह देखना भूल जाती है जिससे छोटे छोटे स्तर पर होने वाले नुकसान इतने हो जाते हैं कि वो तरक्की का रास्ता रोक लेते है।

ग्रामीण अंचलों में इस महामारी के चलते बहुत बड़े स्तर पर बेरोजगारी एक मर्ज की तरह फैली हुई है जिसकी चपेट में पूरा भारत ही आया हुआ है पर सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को हुई है जी बाहर रोजी रोटी के लिए काम करते थे और वो अव घर वापस आ चुके हैं ओर अब दो वक्त की रोटी के लिए दर दर भटक रहे है।

जेसा की मेने कहा कि तरक्की का रास्ता ग्रामीण अंचलों से होकर ही जाता है तो उस पर सरकार प्रशाशन कार्य करे, यह तय करे कि क्या सभी जो केन्द्र या राज्य सरकारें ग्रामीणों के लिए योजनाएं चल रही हैं युवाओं के रोजगार के लिए क्या वो सारी योजनाओं का लाभ लोग ले पा रहे हैं, यह तय करें कि कंही कोई भी युवा बैंक के चक्कर लगा कर थक तो नही गया है।

ग्रामीण बैंकों को भी इस ओर ध्यान देना होगा अपनी रिश्वत के लिए किसी भी गरीब का हक़ न मरने दें हर इंसान को कुछ न कुछ दें जिससे वो रोजगार के लिए कोई काम धंधा शुरू कर सके, बैंकों को ध्यान देना चाहिए कि बस कुछ लोगों कर लिए ही जिनपर पहले से ही किसी भी चीज की कमी नही है सिर्फ उन्हें ही लोन न दें उन्हें भी लोन दें जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाह रहे हैं घर पर ही रहकर वो छोटे छोटे काम करना चाहते हैं ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करें, सभी अपने अपने छेत्र में इस ओर ध्यान दें और कोशिश करें कि युवा आत्मनिर्भर बने।
क्यंकि जब कोई भी ग्रामीण अंचल का युवा आगे बढ़ेगा तो वो रोजगार के रास्ते खोलेगा ओर देश को आगे बढ़ाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बस जरूरत है उसे मौका देने की जो कि हम देना नही चाहते हैं और इसी वजह से हम आज भी ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी जैसी महामारी से जूझ रहे है।

छेत्र के बैंक, छेत्र के विधायक, सांसद, मंत्री एनजीओ सब मिलकर अगर चाहें तो सब कुछ हो सकता है कोई भी छेत्र ऐसा नही रहेगा जंहा रोजगार नही होगा बस करने की जरूरत है हम सबको अपना अपना करना होगा अपने छेत्र के लिए करना होगा, बस कुछ दिन के लिए बिना किसी लालच के अपने अपने छेत्र को आगे बढ़ाने का सोच लो तो कोई भी युवा बेरोजगार नही रहेगा।

काबिलियत के हिसाब से काम मिलना चाहिए तभी असलियत में रोजगार होना होता है, जैसी जिस युवा की काबिलियत वैसे ही उसको मोके दिए जाएं उसको ट्रेनिंग दी जाए बैंक से लोन दिए जाएं और उनको आगे बढ़ने का एक मौका दिया जाए जिससे ग्राम शहर देश सब विकसित होंगे, ओर वो परिवार भी विकसित होगा जो यह सब कुछ करेगा, बैंक भी विकसित होंगे और छेत्र भी, तो युवाओं को मौका दो आगे बढ़ने का देश की असली ताकत युवा ही है इसको सिर्फ कुर्शी बिछाने ओर दरी बिछाने व झंडे उठाने के कार्य मे न लगाएं युवाओं की ताकत को देश की तरक्की के लिए लगाएं, याद रहे देश का भविष्य है युवा और ग्रामीण युवा ग्रामीण भारत ही बेहतर कल का भारत है।

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