गोपाल गौधाम गौशाला थानों में धूमधाम से मनाया गया गोवर्द्धन पर्व : गोपाल मणि l
देहरादून : आज गोवर्द्धन पूजा के शुभ अवसर पर गौक्रान्ति अग्रदूत संत गोपाल मणि महाराज ने अपने सैकड़ों गौभक्तों के साथ देहरादून थानों स्थित अपनी गौशाला में गौमाताओ की पूजा अर्चना करके गौमाताओ को हरा चारा आदि खिलाकर गोवर्द्धन पर्व मनाया इस अवसर पर संत गोपाल मणि जी ने कहा कि गोवर्द्धन शब्द के दो सीधे अर्थ है पहला गौ को बढ़ाना और दूसरा गौ का गोवर ही धन है उन्होंने कहा कि इस पर्व की महत्ता को समझना होगा ये पर्व दीपावली के ठीक अगले दिन क्यों आता है क्योंकि दीपावली पर हम माँ लक्ष्मी की पूजा करते है लक्ष्मी की कामना करते है और लक्ष्मी का नित्य निवास गाय के गोबर में है शास्त्रों में कहा गया है गोमये वसते लक्ष्मी अर्थात गाय के गोबर में लक्ष्मी रहती है इसी लिए ठीक अगले दिन गौबर्धन पूजा आती है मतलब सीधा सा है कि अगर हमे सुख समृद्धि चाहिए देश में खुशहाली चाहिए देश को समृद्ध बनाना है तो गौ का वर्द्धन करना पड़ेगा तभी हमारी गोवर्द्धन पूजा सार्थक होगी आगे संत मणि जी ने पीड़ा जताते हुए कहा कि दुःख इस बात का है कि करोड़ो हिंदुओं की आस्था की प्रतीक देश कृषि और किसानों की समृद्धि की मूल गौमाताये आज भी लाखों की संख्या में कत्लखानों में कट रही है और यह तब तक कटती रहेगी जब तब इस देश में गौ को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान नही दिया जाता और गौ को पशु मंत्रालय से अलग करके गौमंत्रालय अलग से न बनाया जाता। इसलिए हमारा संगठन भारतीय गौक्रान्ति मंच पूरे देश जाकर गौ को सम्मान और सम्बर्धन की बात करता है साथ ही देश की सरकार से मांग करता है कि शीघ्र ही गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दिया जाय ताकि कोई गाय की तरफ आंख उठाकर न देंखे। आगे संत जी ने कहा कि जब इस देश के खेतों में गाय का गोबर पड़ता था तब यह देश सोने की चिड़िया था लेकिन आज सरकार की गलत नीतियों के कारण गौ वंश को कत्लखानों में कटवाया जा रहा है और खेतों में यूरिया की खाद डलवाई जा रही है जिसके कारण खेतों की उर्बरक क्षमता कम हो गयी है और आये दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस अवसर पर संत गोपाल मणि जी ने पूरे देश का आह्वान किया और कहा कि आज जितने भी लोग गोवर्द्धन पूजा कर रहें है उन सबकी यह पूजा तभी सार्थक होगी जब को गौ के संरक्षण संवर्द्धन और सम्मान के लिए सदैव खड़े रहेंगे।
इस अवसर पर देहरादून ऋषिकेश हरिद्वार लखनऊ कानपुर चंडीगढ़ और कई गौभक्त जो भारतीय मूल विदेशों में रह रहे है उन्होंने भी पूज्य महाराज जी के साथ गोवर्द्धन पूजा की।