गन्ने के खेत में लगाई आग 5 तेंदूऔ सहित एक सांप जलकर राख l

महाराष्ट्र : दर्दनाक हादसे में तेंदुए के पांच शावक जलकर मर गए . पुणे के पास अंबेगांव तालुका में एक गन्‍ने के खेत में पांच तेंदुए के बच्‍चे जले हुए मिले. बताया जा रहा है कि किसान ने अपने खेत में सांप निकलते हुए देखे. जिसके बाद उसने खेत और उसमें पड़े कचरे में आग लगा दी. आग में सब कुछ जलने के बाद जब किसान खेत को देखने आया तो सन्‍न रह गया. उसके खेत में तेंदुए के पांच बच्‍चे जले हुए मिले. इनकी उम्र करीब 10 दिन बताई जा रही है. बच्‍चों काे जला हुआ देख पूरा गांव इकठ्ठा हो गया.

गांववालों का कहना है कि तेंदुओं की शायद बच्‍चों के लिए खाना लेने गई होगी. वरना तो आग लगने पर बचा लेती. अब लोगों को डर है कि बच्‍चों को मरा हुआ पाकर तेंदुओं की मां हिंसक हो सकती है और गांव में बच्‍चों पर हमला कर सकती है. फिलहाल गांववाले एहतियात बरत रहे हैं.

इलाके में मादा तेंदुए के छिपे होने की संभावना

वन विभाग के मुताबिक, इलाके में मादा तेंदुए के छिपे होने की भी संभावना हैं। इसके चलते यहां पुलिस और वन विभाग की टीम तैनात कर दी गई है। इससे पहले मार्च में, वडगांव के आनंदगांव इलाके में तेंदुए के दो बच्चों को खेत में लगी आग से बचाया गया था।

वन अधिकारियों का मानना है कि बच्चों की मां उन्हें खेत में छोड़कर खाना ढूंढने के लिए चली गई थी। अंबेगाव के रेंज वन अधिकारी प्रजोत पाल्वे का कहना है कि इलाके में रात के लिए लोगों की तैनाती कर दी गई है क्योंकि तेंदुओं की मां अपने बच्चों की खोज में हिंसक रूप ले सकती है।

घटते वन्य क्षेत्र की वजह से कई बार तेंदुए गन्ने के खेतों में आ जाते हैं। वनाधिकारियों का कहना है कि मादा तेंदुआ खेत में ही बच्चों को जन्म देती है और उनके बड़े होने पर उन्हें छोड़ देती है।

यदि उनके बड़े होने से पहले गन्ने की कटाई होती है तो कूड़े में लगी आग से उनकी मौत होने की संभावना बनी रहती है। इसी साल मार्च में तेंदुए के दो बच्चों को इसी क्षेत्र के गन्ने के खेतों से बचाया गया था।

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