किसानों के में 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने एग्रीकल्चर ऑफिसर को भेजा ज्ञापन।

हरिद्वार : आम आदमी पार्टी जिला इकाई रुड़की हरिद्वार द्वारा किसानों की समस्या का संज्ञान लेते हुए एक ज्ञापन चीफ एग्रीकल्चर अफसर हरिद्वार व चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर उत्तराखण्ड को ईमेल के माध्यम से भेजा, एक तरफ लॉक डाउन की वजह से फसल विक्रय का संकट सामने है वहीं आम आदमी पार्टी के विभिन्न जन प्रतिनिधियो/ पदाधिकारियों को किसान भाइयों द्वारा निम्न पांच क्षेत्रीय समस्याओं से अवगत कराया गया था।

  1. जंगली जानवर जैसे नीलगाय शूकर आदि फसलों को गम्भीर क्षति पहुंचा रहे हैं, इनसे बचाव हेतु उपकरण व योजना को तुरन्त लागू करवाने की ज़रूरत है।
  2. मोहनपुरा से खेड़ा जट की तरफ जाने वाला राजबाहा पुल निर्माण की वजह से काफी समय से बन्द है, इसे जल्द चलवाने की व्यवस्था करना ज़रूरी है अन्यथा क्षेत्र में सिंचाई संकट सामने है।
  3. लॉक डाउन के चलते गन्ना किसान के भुगतान धीमी गति से हो रहे हैं , यह भुगतान जल्द हो ताकि किसान को कुछ आर्थिक राहत मिले।
  4. बेमौसम बरसात , ओला वर्ष्टि से किसान भाइयों की फसल में भारी नुकसान हुआ है, अतः लॉक डाउन व मौसम की मार को देखते हुए जल्द किसान भाइयों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा अनिवार्य है।
  5. लॉक डाउन के चलते किसान भाइयो को खाद, बीज , कीटनाशक व फसल क्रय विक्रय के लिए प्रभावी सहायता योजना की तत्काल ज़रूरत है।

आम आदमी पार्टी ,जिला अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने बताया की COVID 19 के चलते लॉक डाउन के असर से किसान भी अछूता नही है, यदि समय रहते उचित राहत न दी गयी तो भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद माने जाने वाले किसान की आर्थिक दशा बेहद खराब हो जाएगी यदि समय रहते सरकार ने प्रभावी क़दम नही उठाये तो भुखमरी के हालात सामने दिखने लगेंगे।

आम आदमी पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष शारिक अफ़रोज़ ने बताया की आम आदमी पार्टी किसान भाइयों के हित में मांग करती है की देश के अन्नदाता के प्रति सरकार तत्काल संवेदनशील होकर आर्थिक राहत योजना पहुचाने व उक्त पांच समस्याओं के निस्तारण की तत्काल स्पष्ट निर्देश जारी करे, यदि समय रहते किसानो के लिए उचित कदम नही उठाये गए तो क्षेत्र के किसान भाइयों के जीवन व अर्थव्यवस्था पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते है,

शारिक ने कहा की लॉक डाउन के चलते ज़रूरी है की सभी सरकारी विभाग अपना ईमेल आई डी प्रचारित करें व ईमेल का संज्ञान भी तेज़ी से लें। डिजिटल इंडिया और प्रभावी लॉक डाउन के लिए यह ज़रूरी है की समस्याओं का निस्तारण डिजिटल माध्यम से हो सके।

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