किसानों का कर्जमाफी की घोषणा का झारखंड किसान सभा ने किया स्वागत।
झारखंड प्रदेश : युपीए गठबंधन वाली हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किसानों का पचास हजार रुपए तक का कर्जमाफी की घोषणा का झारखंड राज्य किसान सभा लातेहार ने स्वागत किया है ।
झारखंड राज्य किसान सभा जिला अध्यक्ष सह माकपा के वरिष्ठ नेता अयुब खान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि बजट कि दिशा किसान एवं जन पक्षिय है, सरकार की घोषणा से गरीब किसानों में खुशी की लहर है, पिछले कई वर्षों से अन्नदाता सूखा, ओलावृष्टि व बाढ़ से प्रभावित थे, इस कारण फसलों का लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा था ।
इससे बैंकों द्वारा फसली केसीसी ऋण लिए गए किसानों के लिए पैसे की भरपाई करना मुश्किल हो गया था, कर्ज अदा न करने की स्थिति में किसानों को नया कर्ज भी नहीं मिल रहा था, बैंक के तगादे से भी किसान काफी परेशान थे, इस कारण सही ढंग से खेती करना भी संभव नहीं हो पा रही थी,
आगे कहा कि सरकार का यह कदम किसानों के हित में है।
किसानों को आत्महत्या करने से बचाने कर्जमाफी सहायक सिद्ध होगी, किसानों को ऋणमाफी से खेती करने में अब काफी सहूलियत होगी, सरकार ने पचास हजार रुपये तक कर्ज माफी की घोषणा कर गरीब किसानों का विश्वास जीता है,सरकार का यह पहल एक साहसी कदम के साथ साथ यह स्वागत योग्य है ।
घोषणा से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, सरकार के इस निर्णय का खुले मन से किसान सभा स्वागत करती है, पहली बार किसी सरकार ने गरीब किसानों के हित में निर्णय लिया है, किसान भुखमरी के कगार पर आ गया था, ऋण माफी से गरीब किसानों को काफी राहत मिलेगी, कर्ज के बोझ में दबा किसान अब नए उत्साह से खेती में उतरेगा ।
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा खजाना खाली कर देने के बावजूद हेमंत सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट को फोकस रखा है जो स्वागत योग्य है. किसानों और आदिवासियों के लिए सकारात्मक पहल की गई है लेकिन परियोजना कर्मियों मे केवल मिड डे मील कर्मियों के मानदेय मे ही कुछ बढोतरी की गई है ।
आंगनबाड़ी सेविका – सहायिका, पोषण सखी के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है उसी प्रकार श्रमिक मित्र, पशु धन मित्र कृषक मित्र जैसे अत्यंत कम आय वर्ग के लोगों के लिए बजट मे किसी प्रकार का प्रावधान नही करना निराशा पैदा करता है, पचास हजार से अधिक ऋण लेने वाले मध्यम वर्ग के किसानों को राहत नहीं दी गई ।
इस सरकार से उम्मीद है कि 50 हजार से उपर ऋण लेने वाले किसानों के हित में भी सरकार कदम उठाएगी, फिर भी पिछली सरकार के गैर योजना के खर्चीले बजट के मुकाबले हेमंत सरकार का यह बजट किसान व जनपक्षिय कहा जा सकता है।