कार्य 8 से 12 घंटे करने पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की दी चेतावनी : सीटू।

देहरादून : आज 19 जुलाई 2020 को सीटू ने काम के 8 से 12 घंटे करने के उत्तराखंड सरकार के आदेश के खिलाफ आंदोलन कि चेतावनी दी, इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार के श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बयान दिया है l

जिसमे उन्होंने काम के घंटे 8 से बढ़ा कर 12 घंटे करने के आदेश को लागु करने वाला देश का पहला राज्य बताया और श्रम कानूनों के खात्मे के लिए केंद्र सरकार से राज्य सरकार को अधिकृत करने के आदेश देने को कहा है, इस पर लेखराज ने कहा की उत्तराखंड के श्रम मंत्री यह कह कर अपनी पीठ थपथपा रहे है किन्तु उन्हें प्रदेश के श्रमिकों की कोई चिंता नहीं है।

उन्होंने कहा की श्रम क़ानून किसी की बपौती नहीं है ये क़ानून श्रमिकों ने विभिन्न सरकारों से लड़ कर हाशिल किये है सन 1886 में शिकागो शहर में काम के घंटे बाँधने को लेकर श्रमिकों ने कुर्बानियाँ दी थी तभी पूरी दुनियां में काम के घंटे 8 किये गये थे बाकि श्रम कानूनों को भी श्रमिक संगठनों ने लड़ कर हाशिल किये थे।

उन्होंने कहा की सीटू अन्य ट्रेड यूनियनो के साथ मिल कर उत्तराखण्ड सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन चलाएंगी और सरकार को इन श्रमिक विरोधी फैसलों को वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे उन्होंने कहा कि इस फैसले से भाजपा और सरकार का मजदूर विरोधी चेहरा सामने आ गया है।

कोविड -19 के कारण हुए लोक डाउन से पुरे देश में 14 करोड़ लोग बैरोजगार हुए है जोकि केंद्र कि मोदी सरकार कि असफलता को दिखाती है वही मजदूरों को राहत पहुंचाने के आलावा कोविड -19 के बहाने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये कदम उठाये जा रहे है जबकि श्रम कानूनों को और अधिक मजबूत करने कि जरूरत है उन्होंने कहा कि जो संस्थान मजदूरों को लोकडाउन के दौरान का वेतन नहीं दे रहे है वे माननीय सर्वोच्च न्यायलय का हवाला दे रहे हे जबकि यदि संस्थान वेतन नहीं देते है तो सरकार को इसकी भरपाई करनी चाहिए।

उन्हों आरोप लगाया कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड उत्तराखण्ड(BOCW) को भाजपा के द्वारा अपने रजनीतिक लाभ हेतु उपयोग किया जा रहा है उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं 1200 के लगभग श्रमिकों कि सूची बोर्ड को उपलब्ध कराई गयी थी जिनमे 2 -2 हजार कि मदद बहुत कम लोगो को मिली है उन्होंने राशन किट व टूल किट, साइकल व अन्य सामान भाजपा के कार्यकर्ताओ के द्वारा बटवाने पर सवाल खड़ा किया है साथ ही उन्होंने बोर्ड में अन्य ट्रेड यूनियनो के सदस्यों को न रख कर अपने चहेतो को रखा गया है जिससे आम श्रमिकों को परेशानी हो रही है l

उन्होंने सभी कम्प्यूटर सुविधा केन्द्रो व ऑनलाइन पर श्रमिक पंजीकरण व अन्य सुविधाएं देने कि मांग भी कि है जिससे श्रमिकों को सुविधा हो सके और उनका शोषण न हो, उन्होंने कहा कि वे 23 जुलाई 2020 को होने वाले देश व्यापी आंदोलन में इन सभी मुद्दों को रखेंगे।

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