एससी एसटी को हल्के में ना ले सरकार : मोदी मल।

देहरादून : अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के द्वारा 15 वें स्थापना दिवस पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय संरक्षक मोदीमल तेगवाल ने कहा कि भारत वर्ष में केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने पिछले 70 वर्षों में कभी भी एससी एसटी वर्ग के रिक्त पदों को पूर्ण रूप से कभी नहीं भरा है।

उत्तराखंड में नैनीताल से माननीय सांसद अजय भट्ट ने बैकलॉग खत्म करने का जो बयान दिया है, उस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में उल्लिखित अलग श्रेणी एससी एसटी को सरकार हल्के में ले रही है। यह संविधान विरोधी एवं लोकतंत्र विरोधी है। प्रदेश में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। शीघ्र ही राजधानी देहरादून में एक बड़े आंदोलन के लिए भी रणनीति बननी शुरू हो गई है। जिसमें सचिवालय घेराव व विधानसभा घेराव पर भी चरणबद्ध आंदोलन की नीति बनाई जा रही है।

मुख्य अतिथि अपर शिक्षा निदेशक कुमायूं मंडल रघुनाथ लाल आर्य ने कहां की संगठन का निर्माण करना आसान है लेकिन उसको चलाना, जारी रखना, संघर्ष करना कठिन कार्य होता है। उन्होंने सभी शिक्षकों को स्थापना दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। शिक्षकों को प्रदेश के समाज को भी मानवता व समानता के साथ ही सामाजिक न्याय की और नैतिकता की शिक्षा देनी होगी साथ ही उन्हें अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करना होगा। प्रांतीय अध्यक्ष संजय भाटिया ने कहा कि सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण पर अभी तक विधानसभा में इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है ।

एसोसिएशन मांग करती है कि सरकार आगामी मानसून सत्र में इस पर चर्चा करा कर न्यायोचित निर्णय ले। ऑन लाइन संगोष्ठी का संचालन करते हुए प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त संगठनों की बात ना सुनना व ऐसा आदेश जारी करना मूल अधिकारों का हनन है । सरकार को इसे तुरंत निरस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 से 2007 तक एससी वर्ग के तदर्थ प्रवक्ताओं को समयानुसार मौलिक नियुक्ति नहीं प्रदान की गई, जिससे उनको चयन और प्रोन्नत वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया है।

सरकार ने विगत वर्षों में जो डी ए फ्रीज किया है, उसको अब सरकार को सभी कार्मिकों को देना चाहिए। कनिष्ठ व वरिष्ठ का मामला कई वर्षों से वर्षों से लटका पड़ा है उस पर भी सरकार को तुरंत निर्णय लेना चाहिए। एलटी शिक्षकों की मंडल परिवर्तन पर वरिष्ठता पूर्ववत रहे, ऐसा आदेश तुरंत जारी करे सरकार । शारीरिक शिक्षा को इंटर स्तर पर लागू करने के लिए उन्होंने बताया कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर नैनीताल के सदस्य रहते हुए उनके कार्यकाल में मान्यता समिति के सदस्य एवं पाठ्यक्रम समिति के सदस्य रहते हुए इसे विषय के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। अब सरकार को इसे वर्तमान सत्र से लागू करते हुए प्रथम चरण में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा का पद सृजित करना चाहिए।

वक्ताओं में एसोसिएशन के संरक्षक व पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष भारत भूषण शाह, सोहनलाल, पूर्व प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्रा, अजय कुमार, पूर्व प्रांतीय महामंत्री गढ़वाल मंडल अध्यक्ष अनूप कुमार पाठक, कुमायूं मंडल अध्यक्ष धीरज बाराकोटी, मंडल मंत्री गढ़वाल रामलाल आर्य, वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार ह्यूमन, उपाध्यक्ष सुनीता कपरवाल, कोषाध्यक्ष दिलबर शाह, संयुक्त मंत्री विजय बैरवाण, संगठन मंत्री सुरेंद्र शमशेर जंग, राकेश कुमार टम्टा, कार्यालय मंत्री राकेश कुमार, रघुवीर सिंह तोमर, चितरंजन कुमार, जिलाध्यक्ष हरिद्वार मेघराज सिंह, मंत्री जीत पाल सिंह, जिलाध्यक्ष उत्तरकाशी मनवीर गौतम, जिला मंत्री रुद्रप्रयाग कमल कुमार टम्टा, जिलाध्यक्ष पौड़ी बृजेंद्र सिंह आर्य, मंत्री जगदीश राठी, जिला अध्यक्ष उधम सिंह नगर हरिओम सिंह, जिला अध्यक्ष नैनीताल वीरेंद्र कुमार टम्टा, मंत्री दीप दर्शन, जिलाध्यक्ष बागेश्वर हरीश चंद्र आगरी, मंत्री विवेकानंद टम्टा, जिला अध्यक्ष पिथौरागढ़ अनिल कुमार, जिला अध्यक्ष चमोली दिनेश शाह, जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा भोपाल राम कोहली, दीवान टम्टा, सहित सैकड़ों शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

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