प्रतिभाओं के बल पर मुकाम हासिल करना चाहती है : दिव्या सेमवाल l

देहरादून : मूल रूप से ग्राम दरमवारी की रहने वाली दिव्या सेमवाल एक उभरती हुई प्रतिभा बनकर सामने आ रही है, जिन्होंने देहरादून से एमएससी माइक्रोबायोलॉजी की है, साथ-साथ संगीत को भी उन्होंने अहमियत दी है, 2008 में ईटीवी में आने वाले झूमिगो कार्यक्रम से संगीत की दुनिया में कदम रखा।

जिसमें वह पूरे उत्तराखंड के उम्मीदवारों में टाॅप 14 तक पहुंची, और आगे भी आने वाले समय में गढ़वाली गीतों पर काम कर रही है, उनकी इस सफलता से घर और क्षेत्र में खुशी का माहौल रहता है।

दिव्या सेमवाल जी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक अपनी आवाज को और अपनी प्रतिभा को समय-समय पर पहुंचाती रहती है और आज सोशल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई लोग उनसे जुड़ चुके है, उन्होंने बताया कि आगे आने वाले समय में अपनी प्रतिभा के बल पर एक मुकाम हासिल करना चाहती है ,l

अपने मां-बाप का नाम रोशन करना चाहती है, और वह शिक्षा को भी उतना ही अहमियत देती है जितना संगीत को, और आगे आने वाले समय में उनकी कोशिश रहेगी कि पहाड़ के गांव व कस्बों की प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराएं, और उनकी प्रतिभा को मंच पर सबके साथ साझा करें, और इस तरह का मंच नए नए कलाकारों को नई ऊंचाई प्रदान करता है, और मुझे भी बचपन से ही संगीत के प्रति काफी रुझान था इसमें मेरे माता पिता ने भी मेरा भरपूर साथ दिया।

बेटी की इस प्रतिभा से माता पिता खुश है, और वह दिव्या को हर तरीके का सपोर्ट करते हैं, और उनकी प्रतिभा को मंच तक पहुंचाने के लिए भरपूर साथ और मोटिवेट करते रहते है, और अपनी बेटी इस प्रतिभा का बहुत सम्मान करते है।

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