उत्तराखण्ड सयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति ने झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग।
देहरादून : आज दिनांक 10 अगस्त 2020 को उत्तराखण्ड सयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति ने झूठे मुकदमें लड़ने की कड़े शब्दों में निंदा की ,इस अवसर पर सीटू , इंटक , एटक , एक्टू , उत्तराखण्ड किसान सभा के नेताओ 9 अगस्त 2020 को इन संगठनों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से शारीरिक दूरी बनाते हुए मजदूरो , किसानों की समस्याओं को लेकर दीनदयाल पार्क में धरना दिया था ।
जिस पर भाजपा के नेतृत्व वाली त्रिवेंद्र रावत सरकार के द्वारा झूठे मुकदमे लगाए गये है जिसकी समिति व सभी ट्रेड यूनियन के नेताओ जिनमे इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट उत्तराखण्ड किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण,सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज , ऐटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा , एक्टू के संयोजक के.पी.चंदीला , ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि सरकार की यह कार्यवाही मजदूर – किसानों की मांगो को उठाने के खिलाफ की गई है यह दमनात्मक कार्यवाही है जिसकी घोर निंदा की जानी चाहिए ।
यह कार्यवाही मजदूर किसानो के आंदोलन को कुचलने के प्रयास है उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी से तो लड़ाई में असफल हो चुकी है कोरोना की आड़ में मजदूरों किसानों के खिलाफ निर्णय ले रही है और अपनी नाकामी को छुपाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का काम कर रही है, इससे संघर्ष दबने वाला नही है हम पीछे नही हटेंगे और मजदूरो के शोषण के खिलाफ लड़ते रहेंगें ।
उत्तराखण्ड संयुक्त संघर्ष समिति मांग करती है कि श्रमिक नेताओं पर लगाये गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाए और मजदूरों की मांगे पूरी की जाए ।