आरोग्य सेतु एप से लोगों के डाटा और निजता को कोई खतरा नहीं: प्रसाद

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक कार्यालय जाने वाले हर सरकारी और निजी कर्मचारी के फोन में आरोग्य सेतु एप अनिवार्य रूप से इंस्टॉल होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार इस एप का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को उत्साहित कर रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किए गए मोबाइल एप आरोग्य सेतु पर विपक्ष के सवालों और आरोपों को केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने निराधार बताया है। केंद्रीय आईटी मंत्री प्रसाद ने कहा कि यह एप डाटा और निजता की सुरक्षा के मामले में बहुत मजबूत है। प्रसाद ने कहा, यह भारत का तकनीकी अविष्कार है और कोविड-19 से लडऩे में कारगर है। गौरतलब है कि मंगलवार को फ्रांस के एक हैकर और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट इलियट एल्डर्सन ने दावा किया था कि आरोग्य सेतु एप की सुरक्षा में खामी पाई गई है और कहा था कि नौ करोड़ भारतीय नागरिकों की निजता खतरे में है।इस दावे को खारिज करते हुए भारत सरकार ने कहा था कि एथिकल हैकर द्वारा किसी भी उपयोगकर्ता की जानकारी खतरे में होने की बात नहीं कही गई है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी किए थे सवाल
बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी कुछ दिन पहले आरोप लगाया कि ‘आरोग्य सेतु’ एप एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है जिससे निजता और डाटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही है। राहुल ने ट्वीट में कहा था कि आरोग्य सेतु एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और इसमें कोई संस्थागत जांच-परख नहीं है। उन्होंने कहा था कि इससे डाटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं। प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है लेकिन नागरिकों की सहमति के बिना उन पर नजर रखने का डर नहीं होना चाहिए। राहुल के इस दावे को नकारते हुए प्रसाद ने कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका डाटा इन्क्रिप्टेड रूप में है। जबसे जरूरी है कि यह भारतीय नागरिकों के हित के लिए है क्योंकि जब आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं या कोरोना प्रभावित इलाके में जाते हैं तो यह आपको इसकी जानकारी दे देता है।
अब कई देश कर रहे ऐसे एप का इस्तेमाल : प्रसाद
मंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की स्थिति में यह एप उसके संपर्क में आए लोगों को ढूंढने में भी मदद करता है। उन्होंने स्पष्ट किया, यह एक बेहतरीन अविष्कार है और कई अन्य देश कोरोना से लडऩे के लिए अब इसी तरीके के एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। सामान्यत: किसी सुरक्षित व्यक्ति का डाटा 30 दिन में मिट जाता है और संक्रमित होने की स्थिति में डाटा 45 से 60 दिन बाद मिटता है। प्रसाद ने कहा कि इसके साथ ही आपके पास एप को अनइंस्टॉल या डिलीट करने की सुविधा व्यक्ति के पास हमेशा होती है। उन्होंने कहा कि फिर यह हंगामा किस बात पर हो रहा है। देश ने इसकी उपयोगिता को समझा है और इसे स्वीकार किया है। आरोग्य सेतु एप केवल स्मार्टफोन के लिए है। प्रसाद ने बताया कि फीचर फोन के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा तैयार की गई है।
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