सीटू जिला कमेटी द्वारा 50 वाँ स्थापना दिवस हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया l
देहरादून : 30 मई 1970 को सीटू का गठन वर्गीय एकता व वर्ग संघर्ष को आगे बढ़ाने को लेकर हुआ और सीटू अपना 50 वाँ स्थापना दिवस मन रहा है ।
आज सीटू जिला कमेटी के द्वारा हिन्दी भवन में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया इस अवसर सीटू से जुड़ी यूनियनों के प्रतिनिधियो ने हिसेदरी की गोष्ठी की अध्यक्षता सीटू के जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल और शिवा दुबे ने किया ।
इस अवसर पर सीटू के जिला सचिव लेखराज ने संचालन करते हुए कहा कि सीटू जिन उद्देश्यों और लक्ष्य को लेकर लगातार संघर्ष में है ।इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सीटू ने अपने स्थापना काल से ही उत्पादन , वितरण एवम् विनियम के सभी साधनों के समाजीकरण तथा समाजवादी राज्य की स्थापना से ही मजदूर शोषण का अंत किया ज सकता है,मजदूरों के आर्थिक और समाजिक हमलो के खिलाफ हड़ताल सहित संघर्ष किये गए है ,गुप्त मतदान के आधार पर ट्रेड यूनियनों की मान्यता के लिए संघर्ष किये , वेतनो मे व्रद्धि काम के घण्टो मे कमी करने के लिए संघर्ष किये है, रोजगार की रक्षा हेतु संघर्ष ,बीमार / दुर्घटना और व्रद्धावस्था से मजदूरों और उनके परिवारों की समाजिक सुरक्षा ,विधवा एव् आश्रीत बच्चों के लिए पर्याप्त पेंशन , राज्य कर्मचारी बीमा निगमों ,प्रोविडेंट फंड पर मजदूरों का प्रभावशालि नियंत्रण हेतु संघर्ष ,समान काम का समान वेतन के लिए संघर्ष पूंजीपतियों का राष्ट्रीयकरण किये जाने हेतु संघर्ष ,साम्राज्यवादी प्रभुत्व तथा आक्रमण के विरुद्ध संघर्ष ,वर्ग संघर्ष के लिए माहोल बनाना और जनवादी कार्य प्रणाली के लिए संघर्ष करना है ।
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ,महावीर शर्मा, किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण,पेंशनर एशोसिएशन से दिनेश नौटियाल , ताजवर सिंह रावत जनवादी महिला समिति की प्रांतीय अध्यक्ष इंदु नौढ़ीयाल, आँगन वाड़ी यूनियन से जानकी चौहान ,भोजन माता यूनियन से मोनिका , आशा वर्कर्स से शिवा दुबे
एम.आर से दीपक शर्मा , शेर सिंह राणा , ज्योतिका पाण्डेय , निरलेश, भगवंत पयाल, राम सिंह भंडारी आदि ने विचार व्यक्त किये ।
विचार गोष्ठी का समापन सीटू के जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियल ने किया ।
इस अवसर पर निरा कण्डारी , नीरज यादव , मामचंद, मोहन नेगी , रविन्द्र नौधियल , लक्ष्मी पंत,आशा नेगी , सुनीता ,उर्मिला , पुरषोतम पूरी ,राजनी रावत आदि बड़ी संख्या में वर्कर्स उपस्तिथ थे ।