राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए सभी वर्गों के शिक्षकों को अवसर देने की मांग ।
देहरादून : अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रांतीय अध्यक्ष संजय भाटिया एवं प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए सभी वर्गों के शिक्षकों को अवसर देने एवं उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की मांग की है।
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि विगत वर्ष भी प्रदेश से मात्र एक शिक्षक को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ था, तब भी विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठे थे, इस वर्ष भी जिन तीन शिक्षकों का चयन हुआ है वह चारों एक ही जाति के हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है की सरकार द्वारा एक विशेष जाति को ही अग्रणी रखने का प्रयास किया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या अन्य जातियों के शिक्षक प्रभावी नहीं है या योग्य नहीं है या उन्हें अधिकारियों द्वारा अवसर नहीं दिया जा रहा है या उन्हें प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है। कई तरह के प्रश्न सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।