भारत सरकार ने बच्चों को लेकर जारी की गाइडलाइन।

भारत सरकार ने बच्चों के लिए खास कोरोना गाइडलाइन जारी की है। इसमें कोरोना संक्रमित हुए बच्चों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की मनाही है और स्टेरॉयड से बचने की सलाह दी गई है। कोरोना की दूसरी लहर से मची तबाही के बाद अब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। साथ ही इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है कि इस बार ज्यादा संख्या में बच्चे संक्रमित हो सकते हैं।
ऐसे में भारत सरकार ने बच्चों के लिए खास कोरोना गाइडलाइन जारी की है। इसमें कोरोना संक्रमित हुए बच्चों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की मनाही है और स्टेरॉयड से बचने की सलाह दी गई है। साथ ही बच्चों के लिए 6 मिनट वॉक टेस्ट की भी सलाह दी गई है।

देश कोरोना महामारी से बीते साल से लगातार जूझ रहा है। दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचा दिया तो वहीं अब तीसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें पूरी तरह सतर्क हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन में साफ कहा गया कि संक्रमित बच्चों को एंटी वायरल रेमडेसिविर नहीं दी जाए। इसके साथ ही ये भी कहा गया कि बच्चों को स्टेरॉयड देने से बचा जाए। इस गाइडलाइन में बच्चों की शारीरिक क्षमता को देखने के लिए 6 मिनट का वॉक टेस्ट लेने की सलाह दी गई है।

बता दें, कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के बड़ी संख्या में संक्रमित होने की संभावना जताई गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा कि ज्यादा गंभीर मरीजों को ही स्टेरॉयड दी जाए। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बच्चों की उंगली में पल्स ऑक्सीमीटर लगा कर उनसे 6 मिनट तक लगातार टहलने को कहा जाए। अगर इस दौरान उनका सेचुरेशन 94 से कम पाया जाता है तो उनमें सांस लेने में तकलीफ देखी जा सकती है। इस आधार पर बच्चों को अस्पताल में भर्ती किए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है।

वहीं, मंत्रालय ने ये भी कहा कि जिन बच्चों को अस्थमा है उन्हें इस टेस्ट की सलाह नहीं दी जाती। गाइडलाइन में इस बात का भी जिक्र किया गया कि अगर किसी मरीज में कोविड की बीमारी गंभीर दिखती है तो ऑक्सीजन थेरेपी को बिना देरी करें शुरू कर दिया जाना चाहिए।

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