फर्जी IFS अधिकारी ज़ोया खान गिरफ्तार, विदेशों से संपर्क, हुई मोदी की सुरक्षा में चूक l

उत्तर प्रदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में मेरठ पुलिस ने बड़ी चूक की है। फर्जी आईएफएस अफसर जोया खान को मेरठ पुलिस ने पीएसओ के साथ-साथ दो थानों से एस्कॉर्ट मुहैया कराई थी। जबकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एसपीजी लगी थी।
जोया की पोल खुलने पर अब पुलिस अधिकारी हैरान हैं। जोया के करीबियों की भी जांच में पुलिस जुट गई है। फर्जी अफसर ने हमेशा लिखा पढ़ी में मेरठ पुलिस से पीएसओ और एस्कॉर्ट ली। जिसका रिकॉर्ड पुलिस कंट्रोल में भी है।

फर्जी आईएफएस अफसर जोया खान को गिरफ्तार करने के बाद नोएडा पुलिस ने मेरठ पुलिस की भी पोल खोल दी। 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ में चुनावी सभा में आए थे। इस दौरान मेरठ पुलिस ने जोया खान को कंकरखेड़ा और दौराला थाने से दो एस्कॉर्ट मुहैया कराईं। बताया गया कि जोया ने खुद को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगना बताया था।
जोया खान नीली बत्ती लगाकर लग्जरी गाड़ी से चलती थी। तीन साल तक मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद सहित कई थानों की पुलिस उसको सैल्यूट करती रही। किसी ने यह जानने का प्रयास नहीं किया कि जोया अफसर है भी या नहीं। बस सिपाही से लेकर पुलिस अधिकारी उसको सेल्यूट करते थे। यहां तक जोया का प्राइवेट नंबर भी पुलिस अधिकारियों ने अपने मोबाइल में सेव किया हुआ था।

पुलिस के मुताबिक आरोपी जोया हमेशा पुलिस अधिकारी को उसके नाम से बुलाती थी। एसपी, सीओ और थानेदार पर रौब चलाती थी। एसएसपी मेरठ से कई बार उसने फोन पर बात की। लेकिन उसने कभी अहसास भी नहीं होने दिया है कि वह फर्जी है। आईएफएस अफसर बताने वाली जोया खान पुलिस अधिकारियों से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए ई-मेल भी करती थी। लैपटॉप में तलाशे जा रहे सुबूत,,
जोया के पास से चार लैपटॉप मिले हैं। फ्लैट में कई संदिग्ध सामान भी मिलना बताया है। जोया एसएसपी के अलावा कहां-कहां मेसेज करती थी, इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। सवाल देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ भी है। चर्चा है कि जोया ने अफगानिस्तान समेत कई देशों में मेसेज भेजे हैं। वह मेसेज कैसे हैं, इसका खुलासा तो गंभीरता से जांच के बाद होगा।
संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी बन एसएसपी से मांगी थी मदद
गिरफ्तार फर्जी आईएफएस महिला काफी दिनों से नोएडा दिल्ली एनसीआर में सक्रिय थी। मार्च में नोएडा में महिला की कार का एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद फर्जी आईएफएस महिला ने एसएसपी को फोन कर खुद को संयुक्त राष्ट्र का अधिकारी बताया और मदद मांगी।
एसएसपी ने पुलिस भेज कर उसकी मदद करवाई थी लेकिन जब एसएसपी से मिलने पहुंची तो उसके हाव-भाव और एस्कॉर्ट देखकर एसएसपी को शक हुआ। इसके बाद जांच शुरू हुई और उसकी गिरफ्तारी हुई।
आईएफएस अधिकारी बताने वाली महिला को गिरफ्तार किया गया है। वह खुद को संयुक्त राष्ट्र संघ में पदस्थापित बताती थी और नोएडा एनसीआर में उगाही व अन्य तरह के गलत काम को करती थी। पिछले महीने महिला मुझसे मिलने आई थी, तभी उस पर मुझे शक हुआ और उसकी जांच कराई। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई।

वैभव कृष्ण, एसएसपी, नोएडा

यही वजह थी कि जोया के रौब के आगे पस्त नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर और मेरठ समेत कई जिलों की पुलिस जोया खान को असली IFS अधिकारी समझकर वीआइपी सुविधाएं प्रदान करती रही। अब पुलिस ने यह खुलासा भी कर दिया है कि आखिर कैसे वह फर्जी अफसर बनकर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकती रही। महिला आइएफएस बताकर करीब तीन साल से मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद सहित कई जिलों के पुलिस अधिकारियों को धोखा देकर वीआईपी सुविधा ले रही थी। वह लग्जरी गाड़ी से सफर करती थी और उसके साथ ही सरकारी गनर व एस्कॉर्ट चलती थी।
जोया की गिरफ्तारी की बात सामने आते ही एनआइए भी सक्रिय हो गई और उसने नोएडा में जाकर जोया से पूछताछ की है। जोया के लैपटॉप की जांच से यह तो पता चला है कि उसका अफगानिस्तान से रिश्ता है, लेकिन किस तरह का?यह जांच की जा रही है। वहीं, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं जोया का कनेक्शन पाकिस्तान से तो नहीं है?
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि निशांत और जोया खान दोनों ने ग्रेजुएशन के बाद 2007 में पीसीएस की परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अधिकारी बनने की सनक जोया पर इस कदर तारी थी कि उसने निशांत के साथ मिलकर फर्जी अफसर बनने की पूरी साजिश ही रच डाली। यह साजिश तीन साल तक काम भी करती रही। जाहिर है अपने फर्जी होने के अधिकारी को लेकर इन्होंने साइबर अपराध का सहारा लेते हुए फर्जी कागजात बनवाए, जिससे समय पड़ने पर वह इनसे रौब झाड़ सके। पड़ताल में यह जानकारी भी मिली है कि जोया और निशांत ने अपने मोबाइल में कई एप डाउनलोड किए थे, जिससे वह फोन पर बातचीत करती थी। वाइस चेंजिंग और मोबाइल स्क्रीन पर सीयूजी नंबर दर्शाकर अधिकारियों से बात करती थी।

नोएडा पुलिस के मुताबिक, वीआइपी सुविधाएं नहीं मिलने पर जोया एसएसपी वैभव कृष्ण पर ही भड़क गई, लेकिन जिस तरह वह एसएसपी के साथ पेश आई, उससे शक बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी और इस कड़ी में एसएसपी आदेश पर नोएडा पुलिस जोया खान के फ्लैट पर पहुंची। फ्लैट में मौजूद जोया ने शुरुआत में पुलिस पर हावी होने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जब फ्लैट में तलाशी लेनी शुरू की तो सारी पोल खुल गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *