डुंडा ब्लॉक के धारकोट गांव में 20 से अधिक ग्रामीण व बच्चे डायरिया से ग्रसित।

डुंडा ब्लॉक के न्याय पंचायत पिपली के धारकोट गांव में दूषित पानी पीने से एक दर्जन से अधिक ग्रामीण व बच्चे डायरिया से ग्रसित हैं। डायरिया फैलने से पूरे गांव में भय का महौल बना है। ग्रामीणों की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और प्राथमिक उपचार कर उनको दवाईयां वितरित की। चिकित्सकों ने बताया कि गांव में 20 लोग डायरिया से ग्रसित हैं। जिनमें 9 बच्चे भी शामिल हैं,। जिनको बुधवार को अस्पताल आने को कहा गया है। वहीं दूसरी ओर एसडीएम डुंडा आकाश जोशी ने गांव के पानी के टेस्टिंग करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग की टीम धारकोट गांव पहुंची। जहां चिकित्सकों की टीम ने 14 महिला- पुरूषो व 06 बच्चों को डायरिया से ग्रसित पाया। जिनका प्राथमिक उपचार कर उनको दवाईयां दी। टीम प्रभारी डा. अभिषेक शर्मा ने बताया कि उन्हे गत दिवस गांव में डायरिया से काफी ग्रामीणों के आक्रांत होने की सूचना मिली थी। बताया कि ग्रसित ग्रामीणों का गांव में प्राथमिक उपचार दे दिया गया है। वहीं गंभीर मरीजों को बुधवार को स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार करने की कहा गया है। उन्होंने बताया कि गांव में नलों के प्रदूषित पानी पीने व सड़क पर उड़ रही धूल के कारण कारण डायरिया से ग्रामीण आक्रांत हुए हैं। वहीं ग्रामीणो की सूचना के बाद एसडीएम डुंडा आकाश जोशी ने ग्रामीणों की आपूर्ति के जाने वाले पानी की टेस्टिंग करने के निर्देश दिए हैं।

सड़क पर उड़ रही धूल बनी ग्रामीणों के लिए मुसीबत
लोक निर्माण विभाग की ओर से बनाये जा रहे पिपली -मुसडगांव मोटर मार्ग पर उड़ रही धूल धारकोट के ग्रामीणों के लिए भारी पड़ रही है। सड़क पर उड़ रही बेताहसा धूल से ग्रामीण परेशान है। ग्रामीण कई बार विभाग से सड़क पर टैंकर चलाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन विभाग निरंतर लापरवाह बना है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से इन दिनों धारकोट मुसड़गांव मोटर मार्ग पर फेस टू का कार्य किया जा रहा है। जिसमें डामरीकरण से पूर्व सड़क पर पत्थर व मिट्टी बिछाई जा रही है। लेकिन वाहनों के चलते व तेज हवा के साथ सड़क पर 24 घंटे धूल उड़ रही है। जिससे पूरे गांव का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। गांव के प्राकृतिक पेयजल स्रोत से लेकर गांव के रास्ते व घरों तक सड़क से उड़ रही धूल की परत जमी है। ग्रामीण कई बार विभाग व स्थानीय ठेकेदारों से सड़क पर निर्माण के दौरान टैंकर से पानी का छिड़काव कराने व शीघ्र डामरीकरण का कार्य पूर्ण करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विभाग ग्रामीणों की सुध लेने को तैयार नही है। ग्रामीण सुशील जगूड़ी, द्रवेश्वर नौटियाल ने बताया कि सड़क पर उड़ रही धूल के कारण अधिकांश ग्रामीण दमा व डायरिया के शिकार हो रहे हैं।

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