जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यात्री बन कर केदारनाथ सुरक्षा,व्यवस्था का लिया जायजा l

रुद्रप्रयाग : जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल आम यात्री बन कर रविवार आधी रात के बाद केदारनाथ धाम के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड पहुंचे तो हकीकत आखे खोलने वाली थी। पड़ावों पर गंदगी से पटे शौचालय, पानी की सूखी टोटियां, पुलिस कर्मियों की लापरवाही देख जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया। यात्रा व्यवस्थाओं में लापरवाही की इंतेहा देख उन्होंने गौरीकुंड के सेक्टर मजिस्ट्रेट का तबादला केदारनाथ कर दिया। वह यहीं पर नहीं रुके, तत्काल जलसंस्थान के सहायक अभियंता और अवर अभियंता के निलंबन की संस्तुति कर डाली। गौरीकुंड में सुलभ शौचालय का हाल देख उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल पर पांच लाख का जुर्माना ठोका। डीएम पुलिस अधीक्षक को कहा कि गौरीकुंड के चौकी प्रभारी को भी तत्काल हटाया जाए। पूरी रात उन्होंने गौरीकुंड के घोड़ा पड़ाव पर यात्रियों के बीच गुजारी। दोपहर 12 बजे वह मुख्यालय लौटे।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इन दिनों केदारनाथ में हर रोज 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए प्रशासन ने इंतजाम किए हैं। बावजूद इसके उन्हें शिकायत मिल रही थी कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्वों के निर्वहन में हीलाहवाली कर रहे हैं। इसीलिए वह रविवार की रात करीब 11 बजे बाद गुप्तकाशी से निजी वाहन से निरीक्षण पर निकले।

इस दौरान उन्होंने सीतापुर, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्रियों से बातचीत की। डेढ़ से अधिक यात्रियों ने बातचीत में जिलाधिकारी से पानी की सूखी टंकियों, गंदगी से पटे शौचालय और सोनप्रयाग से केदारनाथ तक चल रही शटल सेवा में अनियमितता की शिकायत की। यात्रियों ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। जब जिलाधिकारी ने खुद निरीक्षण किया तो पाया कि शिकायतें सही थी। डीएम ने बताया कि अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार जल संस्थान के अवर अभियंता व सहायक अभियंता के निलंबन की संस्तुति की गई है। इसके अलावा उन्होंने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता पर दस हजार का अर्थदंड भी लगाया।

धाम के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव की अव्यवस्था देख डीएम हैरान रह गए। डीएम ने बताया कि रात एक बजे से केदारनाथ के लिए घोड़ा-खच्चरों का संचालन शुरू हो जाता है। उन्होंने बताया कि वह रात एक बजे से पहले गौरीकुंड पहुंच गए थे। इसके बाद वह वहीं बेंच पर बैठ यात्रियों से बातचीत करने लगे। इस दौरान पुलिस नदारद थी। जबकि नियमानुसार पुलिस के जवानों को एक बजे घोड़ा पड़ाव पर होना चाहिए था। डीएम ने बताया कि सुबह पांच बजे पुलिस का एक जवान वहां पहुंचा। शेष चार सुबह नौ बजे दिखायी दिए। उन्होंने बताया कि घोड़ा-खच्चर संचालकों ने भी शिकायत की कि पुलिस नजर नहीं आती। उन्होंने कहा कि शटल सेवा में अनियमितता का कारण भी पुलिस की लापरवाही रही। जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे वह कितनी बड़ा अधिकारी भी क्यों न हो। उन्होंने कहा कि देश विदेश से आ रहे यात्री एक अच्छा संदेश लेकर केदारनाथ से जाएं यही उद्देश्य है।

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