जल विद्युत निगम लिमिटेड के सीनियर मैनेजर (आईटी) को सतर्कता विभाग ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

देहरादून। उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड के सीनियर मैनेजर (आईटी) को सतर्कता विभाग ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उस पर एक कान्ट्रैक्टर से बिल का भुगतान करने के एवज में 9000 रुपये रिश्वत मांगने का अरोप है।
जानकारी के मुताबिक देहरादूर निवासी एक ठेकेदार विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों में सिमकार्ड और बायोमेट्रिक्स मशीन लगाने और उनके एएमसी का कार्य करता है। उसने उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में भी काम किया था। उसके एवज में उसने भुगतान के लिए दो बिल 36 हजार और 40 हजार रुपये का दिया। शिकायतकर्ता ठेकेदार ने बताया कि विभाग ने 36 हजार रुपये के बिल का भुगतान तो कर दिया, लेकिन शेष रुपये के भुगतान के लिए विभाग के सीनियर मैनेजर (आईटी) अशोक यादव ने 12 फीसदी के हिसाब से 9000 रुपये रिश्वत की मांग की। ठेकेदार ने रिश्वत की रकम कम करने का अनुरोध किया, लेकिन सीनियर मैनेजर नहीं माने। आखिर, ठेकेदार ने 12 मार्च को सतर्कता विभाग के एसपी को पत्र देकर पूरे मामले की जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की।

सतर्कता विभाग के एसपी ने शिकायत की जांच कराई। जांच में प्रथमदृष्टया आरोप सही पाए जाने पर उन्होंने ट्रैप टीम तैयार की और फिर उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के सीनियर मैनेजर (आईटी) को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता विभाग के निदेशक ने यह कार्रवाई करने वाली ट्रैप टीम को बधाई दी और 10 हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की।

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