उत्तराखंड : 20 हज़ार सफाई कर्मचारियों की स्थाई भर्ती की मांग I
उत्तराखंड : राज्य गठन के 18 वर्षों बाद भी प्रदेश में सफाई कर्मचारियों की आवश्यकतानुसार भी भर्तियां न किये जाने तथा अल्प मानदेय/वेतन भोगी स्वच्छकों से सफाई का पूरा कार्य कराये जाने एवं सफाई कर्मचारियों की स्थाई भर्ती की माँग।
उत्तराखंड राज्य का गठन हुए जहां 18 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। वहीं नगर निगमों,नगर निकायों के गठन को भी लगभग 20 वर्षों से अधिक समय होने के साथ ही इनका काफी हद तक सीमा विस्तार भी हो चुका है। यही नहीं इन निकायों में जनसंख्या भी पहले से अब कहीं अधिक हो चुकी है। इस प्रकार सफाई का कार्य भी पहले से अब कहीं अधिक बढ़ गया है। परंतु अत्यंत आश्चर्य का विषय है कि सफाई का कार्य बढ़ जाने के बाद भी सफाई कर्मचारियों की संख्या पहले जैसी ही चली आ रही है। महोदय, बढ़े हुए सफाई कार्य को कम सफाई कर्मचारियों के सहारे निपटाया जा रहा है। जो कि सफाई कर्मचारियों का घोर शोषण और उत्पीड़न नहीं तो क्या है? यही नहीं अल्प वेतन भोगी स्वच्छको से सफाई का पूरा कार्य कराया जा रहा है जो कि मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन है। आवश्यकता के अनुरूप इस राज्य में स्थाई सफाई कर्मचारियों की भर्ती की माँग पिछले काफी समय से की जाती रही है। उत्तराखंड राज्य तो विषम परिस्थितियों वाला पर्वतीय राज्य है। यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियाँ अन्य राज्यों से विभिन्न तरह की है। अतः आप जैसे ऊर्जा वान,सामर्थ्य वान मुख्यमंत्री से यह वर्ग अपेक्षा है कि इस राज्य के पीड़ित,शोषित सफाई कर्मचारियों की समय की माँग एवं आवश्यकता के अनुरूप राज्य में स्थाई सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जाये एवं अल्प वेतन भोगी स्वच्छको को स्थाई किया जाए। मुख्यमंत्री जी, राज्य में और अधिक सफाई कर्मचारियों की भर्ती का उल्लेख भाजपा के 2017 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी था और हाल ही में संपन्न निकाय चुनाव के घोषणा पत्र में भी भाजपा ने वायदा किया था। इसके अतिरिक्त रोजगार की समस्या/परिस्थितियों को देखते हुए आपसे अनुरोध है कि मृतक सफाई कर्मचारियों के आश्रितो को भी नियुक्तियां प्रदान के आदेश जारी किए जाने की कृपा करें। आपकी इस कल्याण कारी कार्रवाई से संपूर्ण सफाई कर्मचारी वर्ग व वाल्मीकि समाज आपका सदैव आभारी रहेगा।
सफाई कर्मचारियों की निम्न माँगों पर भी उचित कार्रवाई करने की माँग संघ आपसे करता है।
1. पूरे उत्तराखंड प्रदेश में मानकों के अनुसार 20 हजार स्थाई सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जाये।
2.मृतक आश्रितों को शीघ्र नियुक्तियां दी जाए।
3.स्थाई सफाई कर्मचारियों को आवासीय भत्ता/भूमि आबंटन किया जाए।
4 . परिवहन भत्ता वेतन के साथ दिया जाए।
5. सफाई कार्य के लिए ठेकेदारी प्रथा अथवा आऊटसोर्सिंग, किसी भी प्राइवेट कंपनी को न लाया जाए। ठेकेदारी प्रथा और कंपनी से सफाई कर्मचारियों का घोर शोषण एवं उत्पीड़न किया जाता रहा है। यदि सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए ठेकेदारी प्रथा अपनायी गई तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा।